मानव और कोरोना
कोरोना और मानव
दुनियां को मैंने डरते देखा है,
हर किसी को घर मे सिमटते देखा है।
जाबांज आज भी खड़े है रास्तो पर,
मैंने उनको मौत से लड़ते देखा है।
थी भीड़ अस्पतालों में कुछ बीमारियों की,
सभी बीमारियों पर "कोरोना" को उभरते देखा है।
रुक जाती है साँसे हमारी,कोरोना का नाम सुनकर,
डॉक्टरों को हमने इनकी तह में उतरते देखा है।
इंसानों की जानवरों सी हरकतों को लेकर,
प्रकृति को मैने फिर से गरजते देखा है।
धरा पर है सबसे शक्तिशाली जीव,मानव
आज इसे भी नतमस्तक होते देखा है।
हाँ,पूरी दुनियां को मैंने डरते देखा है!!
-RajNi❤️
कृप्या अपने बहुमूल्य सुझावों से हमें जरूर अवगत करवाएं।
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